Monday, November 22, 2021

साईकिलिंग और किसानी आंदोलन में जीत 20.11.2021

रविवार को दोस्तों के साथ फुर्सत में चाय पीना, बातें करना ज़िन्दगी का एक हिस्सा ही हो गया है। 
आज सुबह साइकिलिंग करने चाय के अड्डे पर पहुंचा तो वहां पर एक गीत लगा हुआ था,  

ज़िन्दगी की यही रीत है
हार के बाद ही जीत है
थोड़े आँसू हैं, थोड़ी हँसी
आज ग़म है, तो कल है ख़ुशी
ज़िन्दगी की यही रीत...

ज़िन्दगी रात भी है, सवेरा भी है ज़िन्दगी
ज़िन्दगी है सफ़र और बसेरा भी है ज़िन्दगी
एक पल दर्द का गाँव है, दूसरा सुख भरी छाँव है
हर नए पल नया गीत है
ज़िन्दगी की यही रीत...

ग़म का बादल जो छाए, तो हम मुस्कराते रहें
अपनी आँखों में आशाओं के दीप जलाते रहें
आज बिगड़े तो कल फिर बने, आज रूठे तो कल फिर मने
वक़्त भी जैसे इक मीत है
ज़िन्दगी की यही रीत...

मिस्टर इंडिया का यह गीत जावेद अख्तर ने लिखा और किशोर कुमार ने गाया है। 
एफ एम पर गाने सुनने का अलग ही मज़ा है रेडियो दोबारा फिर से पॉपुलर हो रहा है
                धूप छाँव का खेल

शिवशांत, पंकज शर्मा , हरिनंदन और राजेश जी तो आए बातें हुईं।
किसान आंदोलन में जीत हुई। लोगों ने शांतिपूर्वक अपनी मांगों को मनवाने के लिए संघर्ष किया। वह एक जन आंदोलन बन गया।लोगों ने गुरु नानक देव जी, गुरु गोविंद सिंह , हरि सिंह नलवा और लंगर के बारे में जाना। पूरे विश्व से मदद मिली। हलांकि इसी दौरान कोरोना, डेंगू भी फैले। पर हौंसलें से लोग डटे रहे। आखिर जीत गये। 

हर रविवार हम यहां बैठते हैं, एक दूसरे से बातें करते हैं। यह बातें दिल को बहुत सुकून देती हैं। 

 लेमन टी पीने का अलग ही स्वाद है। उस में  काली मिर्च, नींबू और ढेर सारा प्रेम डालते हैं भीम दा, जिस से चाय बहुत स्वादिष्ट हो जाती है। 

फिर  मिलेंगे एक नये किस्से के साथ।

आपका अपना 
रजनीश जस
रुद्रपुर ,उत्तराखंड
निवासी पुरहीरां, होशियारपुर,
पंजाब
20.11.2021
#rudarpur_cycling_club

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