Sunday, November 1, 2020

लड़की से औरत बनने तक का सफ़र

लड़की से औरत बनने का सफ़र


टिऊशन पढ़ने आती हुई लड़कियां 
करती हैं हंस हंसकर बातें
यह लड़कियां टिऊशन वाली
मैडम के साथ
देखती हैं जिंदगी के कई रंग 

इनमें से कई लड़कियों का तो
जन्मदिन भी उनके घर पर नहीं
मनाया जाता 
फिर वो आटो से ना आकर
पैदल आती हैं टिऊशन
और आटो के पैसे बचाकर ,
केक खरीदकर
अपना जन्मदिन मनातीं हैं मैडम के साथ

वो अपने सारे  दुख - सुख 
मैडम के साथ ही बांटती
लड़कों के साथ अठखेलियाँ करती
जीवन को ज़िन्दा रखती

वो उगाती मैडम के घर गमलों में
गुलाब ,गेंदे के फूल 
और अपने कुछ सपने

इनमें से एक लड़की रेशमा 
जो सिर्फ इसलिए पढ़ने आती
कि जब तक को पढेगी
तब तक बची रहेगी शादी से
नहीं तो उसके घरवाले 
उसकी शादी कर देंगे
वो भी उसके मामा के बेटे के साथ
जो कि उसको बिल्कुल भी पसंद नहीं


इनमें से एक लड़की अदिती
जिसको उसके पिता ने 
जूडो कराटे सिखाए हैं
मोटरसाइकिल चलाना सिखाया है
और कहा है, अगर कोई लड़का
तुम्हें तंग करे तो
उसको पीटकर ही घर पर आना
पर कभी रोती हुई मत आना 
कि फलाने  लड़के ने मुझे तंग किया है
और वो, अक्सर बदमाश लड़कों को पीट देती
उसकी मां परेशान रहती
क्या बनेगा इस लड़की का?

इनमें से कुछ लड़कियां तो 
सिर्फ लड़की ही बनी रहना
चाहती हैं 
वो कत्तई औरत नहीं बनना चाहतीं
जो कि वह जानती हैं
लड़की से औरत होने तक का सफर,
फ्रैंडशिप बैंड से
सोने के कंगन पहनने तक का सफ़र
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रजनीश जस
रूद्रपुर, उत्तराखंड
2.11.2020

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