रविवार है तो फुर्सत, साइकिलिंग , दोस्त किस्से कहानियां ।
आज सुबह साइकिलिंग को निकला तो देखा रास्ते में मोटरसाइकिल और कारों पर लोग तिरंगा झंडा लहरा कर चल रहे थे।
लोग रास्ते में एक दाल बेचने वाला मिला। यह पुराना ढंग है, अब तो माल में जाकर लोग पैकड दालें खरीदते हैं।
हरिनंदन ,पंकज आ गये। कुछ देर में राजेश जी भी आ गये। आज़ादी के बारे में बातें होने लगीं। राजेश जी ने बताया नेपाल पर अंग्रेजों का राज नहीं हुआ इसका कारण है नेपाल का राजा बहुत सशक्त था। वँहा नेपाल जाने के दो ही रास्ते थे और उन्हीं दो रास्तों पर पूरी फौज तैनात कर रखी थी, तो अंग्रेज वँहा घुस नहीं सके और नेपाल गुलाम होने से बचा रहा।
मैं राहुल संक्रतायन की किताब "दिमागी गुलामी "पढ़ रहा था जिसमें लिखा था, भारत के गुलाम होने के कारण इसमें लोगों का अलग अलग धर्म जातियों में बँटे होना और आपस मे दुशमनी रहा।
ऐसा होने के कारण भारत बहुत देर तक गुलाम रहा कभी मुगलों का कभी अंग्रेजों का। बर्मा हम से 60 साल बाद कहीं जाकर गुलाम हुआ था।
1947 में जब हम कह रहे हैं कि देश आजाद हुआ था उस वक्त आबादी लगभग 48 करोड़ थी आज 75 साल बाद 130 करोड़ लोग भारत में, यह भी एक सोचने का मुद्दा है क्या इसी काम के लिए आज़ादी ली गई थी?
1947 में 1 करोड़ लोग उजड़ गये, 10 लाख के लगभग मारे गये। यह इतिहास की सबसे बडी गल्ती हुई जिसके कारण आज भी लोग दुखी हैं।
इस से भी बडा दुख है हम आज भी सह रहे हैं।
इतने साल बाद भी हम फिर धर्मो और जातियों में बँटे हैं, दुशमनी निभा रहे हैं।
दूसरे विश्वयुद्ध में जापान के दो शहर हिरोशिमा और नागासाकी एटम से अमेरिका ने बिल्कुल तबाह कर दिए थे। पर आज जापान कहां है और हम कहां पर खड़े हैं , यह बात सोचने की है।
ऐसा नहीं कि हमारे पास कुछ है नहीं हमारे पास महावीर, बहातमा बुद्ध, कृष्ण की अनमोल धरोहर है। बुद्ध को पढ़कर जापान जैसे लोग आज कँहा पहुँच गये है?
अगर अंग्रेजों ने भारत पर 200 साल राज किया तो पंजाब में 50 साल कम ,क्योंकि वहां पर महाराजा रणजीत सिंह का राज्य था । महाराजा रणजीत सिंह का झंडा अफगानिस्तान तक लहराता था जिस पर आज अमेरिका आज भी पैर ना जमा सका। अंग्रेज महाराजा रणजीत सिंह का इतना खौफ़ खाते थे लेकिन उनकी मृत्यु के 10 साल बाद तक कि पंजाब के अंदर घुस नहीं सके।
हरिनंदन बता रहा था कि रामचंद्र गुहा की किताब है, इंडिया आफ्टर गांधी। उसमें उसने लिखा है कि भारत मे 15 भाषाएं हैं, अलग-अलग धर्म जातियों में बटा हुआ देश है।
ऐसा होना बुरा नहीं पर दूसरे से दुशमनी की भावना रखना, खुद को उत्तम और दूसरे को नीचा मानना ही दुखद है।
जैसे कि आप आज भी नीचे कन्याकुमारी जाओ तो वँहा के लोग हिन्दी जानते हैं पर जानबूझकर भी नही बोलते हैं जिसके कारण नार्थ के लोग परेशान होते हैं।
हरिनंदन का कुर्ता देखा जो अच्छा लगा। उस मैंने तस्वीर खींची तो उसने बताया यह शरीर के सात चक्र हैं। वह कुर्ता खादी की बना हुआ है जो उसने ऋषिकेश से खरीदी थी।
यह सात चक्र हैं
1. सहस्त्रार चक्र (Crown chakra)
2. आज्ञा चक्र (Third eye chakra)
3. विशुद्धि चक्र (Throat chakra)
4. हृदय चक्र (Heart chakra)
5. मणिपुर चक्र (Sacral Chakra)
6. स्वाधिष्ठान चक्र (Sacral chakra)
7. मूलाधार चक्र (Root Chakra)
आदतों के बारे मे बात हुईं।
हरिनंदन ने बताया, जे. क्रिशनामूर्ती कहते हैं,
Habitas make you dull.
ओशो इसी आदत पर एक किस्सा सुनाते हैं।
वकील हरि सिंह गौर मुकदमा लड़ते थे। जब भी वो कोई तर्क देते तै अपने कोट का बटन घुमाते थे। खासियत थी वह हर बार जीत जाते थे। विरोधी वकील ने यह देख लिया। एक केस की सुनवाई से पहले उन्होनें उसके ड्राइवर को कहा कल कार से उतरने से पहले तुम हरि सिँह के कोट का वही बटन तोड़ देना। इसके लिए तुम मुँह मांगी कीमत ले लेना। उस ड्राइवर ने बटन तोड़ दिया।
अगले दिन कोर्ट में मुकदमा था। जब वह तर्क देने लगा तो बटन नहीं मिला। उनका दिमाग घूम गया। वह बेहोश होकर गिर गये। उन्होनें कहा, पहली दफा पता चला आदतें कितनी बुरी होती हैं।
बातें हो रही थी तो शहर गाँव की बातें होने लगीं। भीम दा ने बताया कि उनका गांव रानीखेत से 30 किलोमीटर आगे है। वहां पर घरों के बाहर सामान पड़ा रहता है वहां पर कोई चोरी नहीं करता है। बहुत साल पहले उनके गांव के एक लड़के ने बरेली से तीन चोर बुलाए। वह लड़का जिस मकान में रहता था उसका मालिक एक रिटायर्ड फौजी था जिसका दिमाग थोडा सटका हुआ था। उनकी बहस हो गयी, वँहा वाला लड़का तो भाग गया। फौजी ने बाकी तीनों को पकड़ लिया और उनको लीची के पेड़ के साथ बाँध दिया। 10 दिन तक उनके गांव में कोई पुलिस ने नहीं आई। अब भी पुलिस उनके गाँव नहीं आती है।
तो 10 दिन तक भीमदा और उनके साथी जब स्कूल जाते तो जाते ही उनके पत्थर मार कर जाते थे।
अमेरिका में किसी से बात हो रही थी दोस्त बता रहे थे कि वहां पर 5 दिन लोग हैं खूब काम करते हैं लगभग मशीन की तरह। शनि और रविवार छुट्टी होती है और आप मॉल में जाते हैं तो छोटी से छोटी चीज़ वँही से मिलेगी।
रात का खाना 8:00 बजे लोग खाना खा लेते हैं। 9:30 को सो जाते हैं , सुबह 5:00 बजे उठकर काम पर निकल जाते हैं ।
कुछ लोग मोटर होम लेकर जंगलों में घूमने निकल जाते हैं अपने परिवार के साथ। वहां पर रास्ते में जो दुकानें हैं। दुकानों पर कोई नहीं, आप दुकान से खाना लो और आप डैबिट कार्ड से पैसे देकर आगे चले जाओ। नदी में मछली पकड़ते हैं, पहाड़ पर घूमते हैं और रात को अपने मोटर होम पर आ जाते हैं।
यह मोटर होम एक घर होता है जो गाड़ी में होता है। हम कई बार कहते हैं कि घर की नीचे पहिए लगे होने चाहिए और मोटर होम ऐसी ही गाड़ी होती है जिससे चलता फिरता घर होता है जि बसे यँहा दिल चाहे वँहा जा सकते हैं। इसमें रसोई, बेडरम सब कुछ होता है।
फिर मिलेंगे एक नये किस्से के साथ।
आपका अपना
रजनीश जस
रुद्रपुर ,उत्तराखंड
निवासी पुरहीरां, होशियारपुर,
पंजाब
15.08.2021
#rudarpur_cycling_club
No comments:
Post a Comment