Friday, September 18, 2020

रेहड़ी वाले के सपने

 रेहड़ी लगाना है मेहनत का काम है । 




 कई ज़िन्दादिल इंसान भी मिल जाते हैं रेहड़ी वाले। आईए ऐसे ही एक इंसान से मिलते हैं।


मैं अपने बेटे के साथ घूम रहा था तो उसने कहा पापा अन्नानास खरीद लो। मैं वँहा पर एक रेहड़ी वाले के पास गया उसे भाव पूछा और उसको कहा कि एक अनानास दे दो। वो किलो से थोड़ा सा ज्यादा था। वो पॉलिथीन के दस्ताने पहनकर अनानास छीलने लग गया। मैं उससे बातचीत करने लगा।

 मैंने पूछा कैसा चल रहा है कारोबार ?

उसने कहा, ठीक ।

मैंनें कहा, मुझे वो लोग  बहुत बुरे लगते हैं जो सिर्फ देश के सिस्टम को गाली देते हैं पर मेहनत करके पैसा नहीं कमाना चाहते।

 वह बोला, वो लोग  गद्दार है कि जिस देश का नमक खाते हैं उसी को गाली देते हैं।


 मैंने उससे पूछा , तुम्हारा नाम क्या है?

 उसे बताया,सचिन राय ।

पास ही एक सकिओरिटी वाला खडा था,  उसका नाम सुनकर मुस्करा कर बोला , सचिन तेंदुलकर।


 मैंनें कहा, ये भी अपनी फील्ड का तेंदुलकर ही है।

 उसके चेहरे पर हल्की सी मुस्कान आ गई।


 सचिन : भाई, साहब। मैं पिछले 15 साल से यही काम कर रहा हूं, अन्नानास बेचने का। पहले 12 साल दिल्ली में रहा, अब 3 साल से यंही  रूद्द्पुर में हूं।


  जब दस क्लास पास की तो पिता जी ने कहा कि आगे पढ़ कर क्या करोगे? अपना बिज़नेस करो।  मैंने कहा बिज़नेस के लिए भी तो पैसे चाहिए?

 जब कोई  हल ना निकला तो खेती करने के इंस्टीचिऊट गया , वँहा से खेती करने के नये ढंग सीखे। फिर पट्टे पर जगह ली और खेती करनी शुरू की। जल्द ही फूलों और सब्जियों की अच्छी पैदावार हुई।

पर जब ज़मीन के मालिक ने यह सब देखा तो उसके मन में लालच आ गया। उसने सोचा उसकी ज़मीन पर कोई गैर पैसे कमा रहा है।

उसने अगले साल का ठेका देना मना कर दिया। मुझे फिर यह रेहड़ी लगाने का काम शुरू करना पडा।  इस काम के लिए वो दिल्ली चला गया।

( वो मुझसे बातें किए जा रहा था साथ साथ में  

अन्नानास के कांटे भी निकाल रहा था।  उसका फोन बजा पर उसने साइलेंट कर दिया शायद इतनी शिद्दत से सुनने वाला पहली बार मिला था)


सचिन ने बताया  जब वह दिल्ली गया उसकी सेहत बहुत  अच्छी थी पर वँहा के  गंदे पानी प्रदूषित वातावरण में वो सब खो गया। दिल्ली में रेहड़ी लगाना गैरकानूनी है। वो पुलिस को पैसे देकर रेहड़ी लगाता रहा । वो कह रहा था , हम ही लोग रिश्वत देते हैं , फिर कहते हैं ये रिश्वत देश की व्यवस्था को बिगाड़ रही है।उसकी जेब में उसका फोन लगातार बज रहा था पर उसनेअपना काम करना और बात करना जारी रखा।


 उसने बताया कि वो 1000 रूपये दिल्ली में हर रोज़ कमाता, फिर सारे खर्च  निकाल कर 350  रुपए बचाता।

फिर वो रुद्रपुर आ गया है क्योंकि यही उसका मकान है। जितने पैसे वो दिल्ली में कमा रहा था अब उतने ही यँहा कमा रहा है।

मैनें कहा भारत में लोग बच्चे  पैदा कर तो लेते हैं पर वो उन्हें पढ़ाई लिखाई करवाने में सक्षम नहीं क्होते।  इस संसार में उतने ही बच्चे पैदा करो जिन को अच्छी परवरिश कर सकें  नहीं तो उनकी आबादी बढ़ जाएगी और कुछ लोग उसको हमेशा  लूटते रहेंगे।


  सचिन ने जवाब दिया कि उसके दो ही बच्चे हैं जिनको पढ़ा लिखा रहा है। उसको भी लोगों ने कहा कि एक ओर बच्चा पैदा कर । पर उसने ऐसा करने से मना कर दिया।


 मुझे उससे बातें करके लग रहा था कि ऐसे ही दुनिया भर में कितने ही सचिन होंगे जो  हर रोज़ घर से रेहड़ी लगाने घर से  निकलते हैं और सोचते हैं कि उनके बच्चे पढ़ लिखकर अच्छी जिंदगी जिए।


 उसने अनन्नास पैक कर दिया था।


मुझे हरिवँशराय बच्चन की लिखी पक्तियाँ याद आ गयी

कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।


आईए अब अनानास के बारे में जान ले। 

गूगल बाबा के सहयोग से।

अनन्नास (अंग्रेज़ी:पाइनऍप्पल, वैज्ञा:Ananas comosus) एक खाद्य उष्णकटिबन्धीय पौधे एवं उसके फल का सामान्य नाम है ।यह मूलतः पैराग्वे एवं दक्षिणी ब्राज़ील का फल है। अनन्नास को ताजा काट कर भी खाया जाता है और शीरे में संरक्षित कर या रस निकाल कर भी सेवन किया जाता है। इसे खाने के उपरांत मीठे के रूप में सलाद के रूप में एवं फ्रूट-कॉकटेल में मांसाहार के विकल्प के रूप में प्रयोग भी किया जाता है। मिष्टान्न रूप में ये उच्च स्तर के अम्लीय स्वभाव (संभवतः मैलिक या साइट्रिक अम्ल) का होता है। अनन्नास कृषि किया गया ब्रोमेल्याकेऐ एकमात्र फल है।


अनन्नास के औषधीय गुण भी बहुत होते हैं। ये शरीर के भीतरी विषों को बाहर निकलता है। इसमें क्लोरीन की भरपूर मात्रा होती है। साथ ही पित्त विकारों में विशेष रूप से और पीलीया यानि पांडु रोगों में लाभकारी है। ये गलेएवं मूत्र के रोगों में लाभदायक है। इसके अलावा ये हड्डियों को मजबूत बनाता है। अनन्नास में प्रचुर मात्रा में मैग्नीशियम पाया जाता है। यह शरीर की हड्डियों को मजबूत बनाने और शरीर को ऊर्जा प्रदान करने का काम करता है। एक प्याला अनन्नास के रस-सेवन से दिन भर के लिए आवश्यक मैग्नीशियम के ७५% की पूर्ति होती है। साथ ही ये कई रोगों में उपयोगी होता है। इस फल में पाया जाने वाला ब्रोमिलेन सर्दी और खांसी, सूजन, गले में खराश और गठिया में लाभदायक होता है। यह पाचन में भी उपयोगी होता है। अनन्नास अपने गुणों के कारण नेत्र-ज्योति के लिए भी उपयोगी होता है। दिन में तीन बार इस फल को खाने से बढ़ती उम्र के साथ आंखों की रोशनी कम हो जाने का खतरा कम हो जाता है। आस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों के शोधों के अनुसार यह कैंसर के खतरे को भी कम करता है। ये उच्च एंटीआक्सीडेंट का स्रोत है व इसमें विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और साधारण ठंड से भी सुरक्षा मिलती है। इससे सर्दी समेत कई अन्य संक्रमण का खतरा कम हो जाता है।



मैंने उस को अलविदा कहा था घर की तरफ चल दिया।

फिर मिलूंगा एक नया किस्सा लेकर।

आपका अपना 


रजनीश जस

रूद्रपुर

उत्तराखंड 

निवासी पुरहीरां

 होशियारपुर

 पंजाब

18.09.2020


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