रविवार है तो साइकिलिंग, दोस्त ,किस्से कहानियाँ। कल रात से बारिश हो रही थी तो साईकिलिंग पर नहीं गया, पर आपको एक दिलचस्प और हैरान कर देने वाली यात्रा पर लेकर चलता हूँ।
पूरी दुनिया में 14 पर्वत ऐसे हैं जो 8000 मीटर से ज्यादा ऊँचाई के हैं। एक पर्वतारोही रेनहोल्ड मैसनर हैं जिन्होनें यह सारी 14 चोटियाँ 16 साल में फतह की थी, वो भी बिना आक्सीजन सिलेंडर का प्रयोग किये। पर उन्हीं 14 चोटियों को 6 महीने और 6 में नेपाल के पर्वतारोही ने फतेह किया और एक वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। उस पर एक डॉक्यूमेंट्री है जिसका नाम है, "14 पीकज़" ,यह नेटफलिक्स पर है।
कँहा हम ज़रा सी ठंड होने पर रजाई में चले जाते हैं और कँहा यह लोग हैं जो जमा देने वाली बर्फ , बर्फीले तूफानों में, चोटियाँ फतेह करते हैं। वो अपने जुनून के लिए जीते है और इतिहास रचते हैं।
चोटियों के नाम और उँचाई
Everest - 8848m / 29028ft
K2- 8611m / 28250ft
Kanchenjanga- 8586m / 28169ft
Lhotse- 8516m / 27940ft
Makalu- 8463m / 27766ft
Cho oyu- 8201m / 26906ft
Dhaulagiri- 8167m / 26795ft
Manaslu-8163m / 26781ft
Nanga parvat-8125m / 26660ft
Annapurna 1- 8091m / 26545ft Gasheburam 1- 8068m / 26469ft
Broad Peak- 8047m / 26400ft
Gasheburam 2- 8035m / 26362ft
Shishapangma -8012m / 26285ft
एक ऐसा नेपाली फौजी, निर्मल पुर्जा जो फौज की नौकरी छोड़कर इंग्लैंड की स्पेशल फोर्सज़ में चला गया। पर फिर वहां भी नौकरी छोड़ दी उसके उसने यह "मिशन पासिबल" का नाम दिया था।
चोटियों को 6 महीने में फतेह करना था। उसके पास पैसे नहीं थे, कोई सपांसरशिप नहीं थी फिर अपना घर गिरवी रखा और निकल लिया अपने मिशन पर।
यह सारी चोटियाँ नेपाल, पाकिस्तान और तिब्बत में हैं।
इंग्लैंड में जब वह अपने प्रैक्टिस करता था को रात को 2:00 बजे उठकर पीठ पर 70 पाउंड लादकर 20 किलोमीटर तक का चक्कर लगाता था। दिन में अपनी नौकरी और फिर रात को जिम। उसने अपने शरीर को मजबूत और लचकदार बना लिया था। कि उसने एक-एक करके 12 चोटिया फतेह की। चीन में उसने जाना था तो चीन की सरकार ने मना कर दिया। पर फिर उसने सोशल मीडिया के ज़रिए और उनका सरकार को चिट्ठी लिखी है। नेपाल के मिनिस्टरों से मिला। दुनिया भर के लोगों ने जब उसका साथ दिया तो चाइना गवर्नमेंट इजाज़त देनी पड़ी।
जब वह एवरेस्ट की चोटी पर था तो लगभग 300 पर्वतारोही एक साथ कतार में दिखाई दे रहे थे तो उसने एक फोटो खींच कर इंस्टाग्राम पर डाल दीजिए, ट्रैफिक जाम होने तस्वीर पूरे वर्ल्ड में वायरल हुई।
उसे कई जगह पर उसको बहुत सारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा, जैसे की चोटी K2 जिसको भी उसके दोस्त लगभग छोड़ चुके थे क्योंकि उनके मन में डर बैठ गया था। वह अकेला आगे बढ़ा और रस्सियाँ बिछाईं और फिर उसके पीछे 14 पर्वतारोही चढ़े।
एक पर्वत से उतरते वक्त उसको एक आदमी मिला उसका आक्सीजन का सिलेंडर खत्म हो गया था। फिर उसने अपना ऑक्सीजन उसको दे दिया। पर दोनों की हालत बहुत खराब हो गयी थी।
वह अपनी माँ को बहुत प्यार करता है, जब भी कोई मिशन पूरा करता हर बार अपनी माँ से मिलने आता।
निमस्दई है उनका नाम।
उनका इंस्टाग्राम अकाऊंट लिंक
https://instagram.com/nimsdai?utm_medium=copy_link
उनकी कुछ बातें जो बुझते हुए मन में भी प्राण फूँक दें
"हम में से बहुत सारे लोग यह भूल जाते हैं कि हमारे जन्म के साथ मौत का सफर शुरू हो गया था।
ज़िंदगी एक खाली किताब है लेकिन आप इसे ख्यालों से भर सकते हैं, जोश से भर सकते हैं, खुशियों से भर सकते हैं।
जब आप पहाड़ पर होते हैं तो आपको पता चलता है कि आप कौन है? एक छोटी सी गल्ती मौत की वजह बन सकती है और जब जान खतरे में होती है तो हम बचने की कोशिश करते हैं। हम जीना चाहते हैं।
मैं एक क्लाइमर हूं कि जिंदगी के हर पल को जीना चाहता हूँ। क्लाइमिंग और मेडिटेशन एक जैसा लगता है। जब तकलीफ है आपको नीचे गिरा रही हो और आप उठते चले जाएं तो आप समझ लीजिए आप कुछ भी कर सकते हैं। "
उसने कहा ,अगर यही काम कोई युरोपियन करता तो यह खबर का प्रचार 10 गुना ज्यादा होता।
दुनिया के पर्वतारोही जब माऊंट ऐवरेस्ट फतेह करते हैं तो शेरपा का नाम नहीं लिया जाता, हलांकि वह उसको भी सम्मान मिलना चाहिए। "
फिर मिलेंगे एक नये किस्से के साथ।
आपका अपना
रजनीश जस
रुद्रपुर ,उत्तराखंड
निवासी पुरहीरां, होशियारपुर,
पंजाब
09.01.2022
#rudarpur_cycling_club
सारी तस्वीरें निमसदई के इंस्टाग्राम अकाऊँटसे ली गयी हैं
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