हम सब को चाहिए रोटी, कपड़ा और मकान
जीवन फिर भी अधूरा ग़र ना हो चेहरे पे मुस्कान
#Rajneesh_jass
आज तवे का हैंडल डलवाने गया तो मुलाकात हुई विजय और फूलन देवी से, जो जिंदगी में बहुत कम सहूलियतें के बावजूद भी मुस्कुराते हुए जी रहे हैं। उनसे बातचीत हुई। हम इतना कुछ पाकर भी शिकायतों से भरे हुए रहते हैं, पर उनके पास ऐसा क्या है जो उनकी हंसी कायम रखे हुए है?
एक बहुत बड़ा बुनियादी फर्क है इनमें और हम लोगों में, कि ये लोग जिंदगी को आज में जीते हैं और हम पूरी उम्र बिता देते हैं जिंदगी में चीजें इक्ट्ठी करते रहते हैं आने वाले कल के लिए।
एक गीत याद आ गया
किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार
किसी के वास्ते तेरे दिल में प्यार
जीना इसी का नाम है
माना अपनी जेब से फ़कीर हैं
फिर भी यारो दिल के हम अमीर हैं
ये लोग राजस्थान से हैं, पर अब यंहा रूदरपुर में ही बस गए हैं। ये बंजारे हैं, जो बैल गाड़ियों में एक जगह से दूसरी जगह घूमते रहते थे। ये बाल्टी के नीचे का हिस्सा बनाने वाले, खुरपा, तवा आदि बनाने वाले हैं। औरतें बहुत मेहनत करती थी। औरतें घर घर जाकर बर्तन लेकर आती और ठीक करके वापस दे जाती। हमारे गांव पुरहीरां, होशियारपुर, पंजाब जब भी ये आते तो कई दिनों तक ठहरते। अब कोई पुरानी चीजें ठीक नहीं करवाता क्योंकि हम बहुत तरक्की कर गए हैं।
बहुत कुछ सीखने को है इनसे
कुछ मुस्कराहटें, शिद्दत से जिंदगी जीने की कला
सलाम इनकी मुस्कुराते हुए चेहरे को
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