आज से 21 साल पहले 1997 में एक सीरियल आया दूरदर्शन पर आया था , A "Tryst with People Of India" जिसमें आजादी के 50 साल पूरे होने के बाद एक आदमी सईद मिर्ज़ा दूरदर्शन की तरफ से अपनी टीम लेकर पूरा भारत में घूमा, जिसमें वह "आम आदमी " से मिला ।
इंग्लिश शब्द Tryst का मतलब होता है
" गुप्त मिलनी" एक मेल मिलाप है आम आदमी से।
इन्होंने "नुक्कड़" और "इंतज़ार" नाटक डायरेक्ट किया था। नुक्कड़ नाटक आज भी अपने पात्रों से हमें गुदगुदा जाता है।
A tryst with People Of India सीरियल मैंने दूरदर्शन पर देखा था, ये रविवार को 9:00 बजे आता था। इसमें भारत एक नए एंगल से दिखाया गया है। इसमें वो एक डायलॉग बहुत बार दोहराते हैं
" नेहरू जी कहां है आपके सपनों का भारत ? तख्त पर बैठकर जो लोग कहते हैं हम देश को चलाते हैं, असल में वह नहीं चलाते , देश को चलाता एक आम आदमी , जो कि सुबह उठता है 7:00 बजे काम पे कुछ सपने लेकर ।घर से निकलता है अपने काम पर। फिर शाम को थककर लौट कर आता है पर वो सपने पूरे नहीं होते , पर वो नए सपने देखता हुआ अगले दिन काम पर निकल जाता है।
इसके बहुत सारे एपिसोड है मैं आपको पहले एपिसोड शेयर कर रहा हूं, अगर अच्छा लगे तो आप यूट्यूब पर और भी देख सकते हैं और जान सकते हैं भारत क्या है?
Click on below link to see first episode
https://youtu.be/w93Qqlt0mKE
वो इक किसान से मिलना चाहते हैं, पर वो मना कर देता है, क्योंकि वो बैल से खेत जोत रहा है, उसने वो बैल किराए पर लिए थे, वो शाम तक वापिस करने थे ।
केरल में मछुआरे मछली पकड़ कर लाते हैं, पर वो इतनी कम मात्रा में हैं कि उनका गुज़ारा नहीं होगा, पर वो निराश नहीं होते। कहते हैं कल समंदर में ओर आगे तक जाएँगे, फिर बहुत सारी मछलियाँ पकड़ कर लाएँगे।
मुझे याद आता है अर्नेस्ट हेमिंग्वे का नाम नावल "द ओल्ड मैन एंड सी" जिसमें एक बूढ़ा आदमी हर रोज़ समंदर में जाता है पर उसके हाथ कुछ नहीं आता। पर आखिर में एक बहुत बड़ी मछली पकड़ कर लाता है ।
तो यही हम सब का जीवन, कोशिश, कोशिश।
24.05.2019
Rajneesh Jass
#rajneesh_jass
Rudrarpur
Uttrakhand
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