Sunday, October 28, 2018

Rudrapur Cycling club 28.10.2018

सुबह साइकिलिंग करने निकला।देख रहा था कि सर्दियों के जो कपड़े थे ,वह भी अब अलमारी से बाहर आ गए हैं, मौसम में हल्की सी ठंडक जो आ गई है। आज सुबह हेम पंत ने बच्चों के साथ आए हुए थे, Pankaj Batta, Pankaj Sharma भी आए थे। हेम पंत ने कचनार का फूल दिखाया ।
उसे देखकर "बूंँद जो बन गई मोती" फिल्म का गीत याद आ गया
ये किसने फूल फूल पे किया श्रृंगार है
ये कौन चित्रकार है
ये कौन चित्रकार
कहते हैं उसके पत्ते बड़े स्वादिष्ट होते हैं।
मैं कई बार आने में आने से कर जाता हूं लेट हो जाता हूं तो पंत जी ने वह कहानी सुनाई। एक मंदिर में पुजारी था ।उसे सुबह उठकर 5:00 बजे मंदिर में घंटी बजाने होती थी और शंख  बजाना होता था। गर्मियों तक तो सब ठीक-ठाक रहा , पर जब सर्दी आने लगी तो पंडित जी को सुस्ती पड़ गई। उन्होंने एक तरकीब निकाली। उन्होंने शंख और घंटी अपने पास ही रख ली । सुबह 5:00 बजे उठते शंख  और घंटी बजाते और फिर सो जाते । गांव वाले भी कहते देखो कितने उद्यमी पंडित है ।
अब सर्दियां आ जाएंगी और गर्मियों के पंछी गहरे बिलों में जाकर गहरी नींद सो जाएंगे जिसको शायद हाइपरनेशन बोलते हैं।
कल करवा चौथ था हुस्न पूरे अपने शबाब पर था सभी औरतों ने व्रत रखे अपने पतियों की लंबी उम्र की कामना की।
आज के लिए अलविदा। फिर मिलेंगे, एक नए किस्सेके साथ।
28.10.2018
#rajneesh_jass
Rudrapur
Udham Singh Nagar
Uttrakhand

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