#bajaj_vendor_get_together_2019
टेक्निकल लाइन में काम करते हुए आदमी बोर भी हो जाता है। टारगेट, नंबर, प्रोडक्शन, क्वालिटी से कभी रिलेक्स भी होना चाहता है।
बजाज पंतनगर में Customer और Vendor मिलकर एक परिवार की तरह सारी खुशियां मनाते हैं, कोई मुश्किल भी आए तो उससे मिलकर हल करते हैं।
बजाज पंतनगर में Customer और Vendor मिलकर एक परिवार की तरह सारी खुशियां मनाते हैं, कोई मुश्किल भी आए तो उससे मिलकर हल करते हैं।
महात्मा गांधी ने कहा है, Rest is a change of Profession. अगर हम मानसिक काम कर रहे हैं तो हमें शारीररिक काम करना चाहिए ,अगर हम शारीरिक कर रहे हैं तो हमें मानसिक काम करना चाहिए।
तो रेस्ट करने के लिए हम रविवार रामनगर गए। यह सारा Initiative Mr. Avinash Kumar, Bajaj Auto Ltd, Pantnagar, Quality Head की तरफ से हुआ ।
हल्द्वानी कालाढूंगी से होते हुए हमारे राम नगर पहुंचे ।कालाढूंगी में जिम कॉर्बेट म्यूजियम है, जिनके बारे में आगे बता रहा हूँ। रामनगर की सारे होटल जिम कॉर्बेट के नाम पर है ।यहां पर जंगल सफारी जिसमें हम खुली जीप में जंगल के अंदर घूमते हैं , जिसमें कि चीते , हाथी, हिरन जंगली जानवर और पंछी हैं।
हल्द्वानी कालाढूंगी से होते हुए हमारे राम नगर पहुंचे ।कालाढूंगी में जिम कॉर्बेट म्यूजियम है, जिनके बारे में आगे बता रहा हूँ। रामनगर की सारे होटल जिम कॉर्बेट के नाम पर है ।यहां पर जंगल सफारी जिसमें हम खुली जीप में जंगल के अंदर घूमते हैं , जिसमें कि चीते , हाथी, हिरन जंगली जानवर और पंछी हैं।
तो चलिए मुड़ते हैं रामनगर की यात्रा पर । सड़क के दोनों घने पेड़ और बीच में से निकलती हुई कारें । फरवरी का महीना है तो ठंडक भी हो रही है। हम सुबह लगभग 10:00 के करीब रामनगर होटल पहुंच गये । वहां पर कई लोग पहले पहुंचे हुए थे, कुछ लोग पीछे आ रहे थे ।
जाते ही कुल्हड़ में चाय पीने का मौका मिला साथ में स्नेक्स थे । एक तरफ कोसी नदी बह रही है और उसके पीछे पहाड़ हैं जिसकी वीडियो में इस में शेयर करूंगा। उसके साथ 24 एकड़ में बना हुआ यह होटल जिसमें की स्विमिंग पूल, मसाज स्पा, टेबल टेनिस ,घुड़सवारी बच्चों के लिए झूले हैं। ये फेमिली Get Together बजाज की तरफ से हर साल की जाती है। बजाज कंपनी के 16 वेंडर हैं । उसके क्वालिटी हेड , Second Line और स्टाफ लोग अपनी पत्नी के परिवार के साथ यहां
आते हैं ।
आते हैं ।
रूटीन से थोड़ा हटके काम।सीमेंट के सोफे,उस पर गद्दे, कुर्सियां लगी हुई थी। उन पर सभी लोग बैठ गए और हम करने लग गए फिर एंकरिंग ।
सभी family को एक-एक करके बुलाया, उन्होंने अपने बारे में जानकारी दी। किस की लव मैरिज है, किसकी अरेंज मैरिज है? क्या क्या घर पर होता है? ऐसे मज़ाक भी चलते रहे। बच्चों ने डाँस किया, देश भक्ति के गाने, चुटकुले, यह महफिल रंग पकड़ती गई ।
मौसम ने कई रंग बदले, कभी धूप - कभी बादल।
उसके बाद हर एक Family Photograh हुई ।फिर हम लोग खाना खाने चले गए। होटल बढ़िया तरीके से मेंटेन किया हुआ है।
मौसम ने कई रंग बदले, कभी धूप - कभी बादल।
उसके बाद हर एक Family Photograh हुई ।फिर हम लोग खाना खाने चले गए। होटल बढ़िया तरीके से मेंटेन किया हुआ है।
खाना खाकर लौटे तो मोर की पीहू पीहू सुनाई दी। गाँव की याद ताज़ा हो गई।
फिर बच्चों को ड्राइंग के लिए कलर और किताबें दी गई । फिर चली म्यूजिकल चेयर ।
फिर कोई यह कार्यक्रम बड़ा अच्छा लगा जिसको lady एक gent के कान में फिल्म बता देती है। वह फिर अपने बाकी Gents के सामने इशारों से बताता है कि इस फिल्म का नाम क्या है? और वह सारे कुछ समय के अंदर बताना होता है।
उसके बाद भांगड़ा हुआ और फिर एक सब की ग्रुप फोटो सारी फैमिली को एक तोहफा प्रेजेंट किया गया। तो जब उसे खोल कर देखा तो उस में एक कप था, जिस पर सुबह की खींची हुई फोटो प्रिंटेड थी। यह सब आईडिया नीरज शर्मा जी Minda Corporation Quality Head का था । अच्छा लगा , एक दूसरे से मिलकर, सभी जेंट्स एक दूसरे को जानते थे पर उनकी पत्नी और बच्चे एक दूसरे से मिले और उनको भी एक दूसरे को जानने का मौका मिला ।
फिर कोई यह कार्यक्रम बड़ा अच्छा लगा जिसको lady एक gent के कान में फिल्म बता देती है। वह फिर अपने बाकी Gents के सामने इशारों से बताता है कि इस फिल्म का नाम क्या है? और वह सारे कुछ समय के अंदर बताना होता है।
उसके बाद भांगड़ा हुआ और फिर एक सब की ग्रुप फोटो सारी फैमिली को एक तोहफा प्रेजेंट किया गया। तो जब उसे खोल कर देखा तो उस में एक कप था, जिस पर सुबह की खींची हुई फोटो प्रिंटेड थी। यह सब आईडिया नीरज शर्मा जी Minda Corporation Quality Head का था । अच्छा लगा , एक दूसरे से मिलकर, सभी जेंट्स एक दूसरे को जानते थे पर उनकी पत्नी और बच्चे एक दूसरे से मिले और उनको भी एक दूसरे को जानने का मौका मिला ।
ओशो कहते हैं दो शब्द होते हैं , एक Enjoyment और दूसरा Celebration.
Enjoyment है कि
दूसरा आदमी डांस कर रहा कर रहा है,गीत गा रहा है और हम उसको बैठकर सुन रहे हैं, देख रहे हैं। Celebration है खुद नाचना, खुद हंसना। वैसे भी मॉडर्न जिंदगी में यह दो काम हम बहुत कम करते हैं।
असली खुशी भीतर है और हम बाहर ढूंढ रहे हैं।
Enjoyment है कि
दूसरा आदमी डांस कर रहा कर रहा है,गीत गा रहा है और हम उसको बैठकर सुन रहे हैं, देख रहे हैं। Celebration है खुद नाचना, खुद हंसना। वैसे भी मॉडर्न जिंदगी में यह दो काम हम बहुत कम करते हैं।
असली खुशी भीतर है और हम बाहर ढूंढ रहे हैं।
फिर सभी ने Cat Walk की।
खुलकर हंसी मज़ाक हुआ, वहां पर फिर शाम की चाय कुल्हड़ में भी और फिर वापसी हो गई।
खुलकर हंसी मज़ाक हुआ, वहां पर फिर शाम की चाय कुल्हड़ में भी और फिर वापसी हो गई।
रास्ते कुछ बच्चे अपने हाथों में कुत्ता लेकर खड़े थे उसकी फोटोग्राफ मेरे बेटे ने ली।
#rajneesh_jass
24.02.2019
24.02.2019
(sharing information From Google baba)
जेम्स ए. जिम कार्बेट (25 जुलाई 1875 - 19 अप्रैल 1955) आयरिश मूल के भारतीय लेखक व दार्शनिक थे। उन्होंने मानवीय अधिकारों के लिए संघर्ष किया तथा संरक्षित वनों के आंदोलन का भी प्रारंभ किया। उन्होंने नैनीताल के पास कालाढूंगी में आवास बनाया था। यह स्थान आज भी यहां आने वाले प्रर्यटकों को उस व्यक्ति के जीवन का ज्ञान कराता है जो न केवल एक शिकारी था बल्कि एक संरक्षक, चमड़े का कार्य करने वाला, जंगली जानवरों का फ़ोटो खीचने वाला तथा बढ़ई था। इन्होने उत्तराखण्ड के गढ़वाल जिले मे अनेक आदमखोर बाघों को मारा था जिनमें रुद्रप्रयाग का आदमखोर तेंदुआ भी शामिल था। मगर बाद मे उनके विचार पलटने से और बाघों की घटती संख्या देखकर इन्होने सिर्फ छायाचित्रकारिता ही अपनाई।
जेम्स ए. जिम कार्बेट (25 जुलाई 1875 - 19 अप्रैल 1955) आयरिश मूल के भारतीय लेखक व दार्शनिक थे। उन्होंने मानवीय अधिकारों के लिए संघर्ष किया तथा संरक्षित वनों के आंदोलन का भी प्रारंभ किया। उन्होंने नैनीताल के पास कालाढूंगी में आवास बनाया था। यह स्थान आज भी यहां आने वाले प्रर्यटकों को उस व्यक्ति के जीवन का ज्ञान कराता है जो न केवल एक शिकारी था बल्कि एक संरक्षक, चमड़े का कार्य करने वाला, जंगली जानवरों का फ़ोटो खीचने वाला तथा बढ़ई था। इन्होने उत्तराखण्ड के गढ़वाल जिले मे अनेक आदमखोर बाघों को मारा था जिनमें रुद्रप्रयाग का आदमखोर तेंदुआ भी शामिल था। मगर बाद मे उनके विचार पलटने से और बाघों की घटती संख्या देखकर इन्होने सिर्फ छायाचित्रकारिता ही अपनाई।
जेम्स जिम कॉर्बेट
जिम कॉर्बेट
जन्म
25 जुलाई 1875
नैनीताल, यूनाइटेड प्रोविंस (अब उत्तराखंड), ब्रिटिश भारत (अब भारत)
मृत्यु
अप्रैल 19, 1955 (उम्र 79)
न्येरी, केन्या
राष्ट्रीयता
ब्रिटिश
व्यवसाय
शिकारी, प्रकृतिज्ञ, लेखक
जिम की प्रारम्भिक शिक्षा नैनीताल के ओपनिंग स्कूल से की बाद में सेंट जोसेफ कॉलेज में दाखिला लिया, लेकिन आर्थिक स्थिति ठीक नही होने के कारण पढाई बीच में छोड़कर 18 वर्ष की उम्र में मोकामा घाट (बिहार) जाकर वहाँ रेलवे में नौकरी करने लगे।[1]
जिम कॉर्बेट
जन्म
25 जुलाई 1875
नैनीताल, यूनाइटेड प्रोविंस (अब उत्तराखंड), ब्रिटिश भारत (अब भारत)
मृत्यु
अप्रैल 19, 1955 (उम्र 79)
न्येरी, केन्या
राष्ट्रीयता
ब्रिटिश
व्यवसाय
शिकारी, प्रकृतिज्ञ, लेखक
जिम की प्रारम्भिक शिक्षा नैनीताल के ओपनिंग स्कूल से की बाद में सेंट जोसेफ कॉलेज में दाखिला लिया, लेकिन आर्थिक स्थिति ठीक नही होने के कारण पढाई बीच में छोड़कर 18 वर्ष की उम्र में मोकामा घाट (बिहार) जाकर वहाँ रेलवे में नौकरी करने लगे।[1]
जिम कार्बेट आजीवन अविवाहित रहे। उन्हीं की तरह उनकी बहन ने भी विवाह नहीं किया। दोनों भाई-बहन सदैव साथ-साथ रहे और एक दूसरे का दु:ख बाँटते रहे।
कुमाऊँ तथा गढ़वाल में जब कोई आदमखोर शेर आ जाता था तो जिम कार्बेट को बुलाया जाता था। जिम कार्बेट वहाँ जाकर सबकी रक्षा कर और आदमखोर शेर को मारकर ही लौटते थे।
जिम कार्बेट एक कुशल शिकारी थे। वे शिकार करनें में यहाँ दक्ष थे, वहीं एक अत्यन्त प्रभावशील लेखक भी थे। शिकार-कथाओं के कुशल लेखकों में जिम कार्बेट का नाम विश्व में अग्रणीय है। उनकी 'भाई इण्डिया' पुस्तक बहुत चर्चित है। भारत-प्रेम उनका इतना अधिक था कि वे उसके यशगान में लग रहते थे। कुमाऊँ और गढ़वाल उन्हें बहुत प्रिय था। ऐसे कुमाऊँ - गढ़वाल के हमदर्द व्यक्ति के नाम पर गढ़वाल-कुमाऊँ की धरती पर स्थापित पार्क का होना उन्हें श्रद्धा के फूल चढ़ाने के ही बराबर है। अत: जिम कार्बेट के नाम पर यह जो पार्क बना है, उससे हमारा राष्ट्र बी गौरान्वित हुआ है, जिम कार्बेट के प्रति यह कुमाऊँ-गढ़वाल और भारत की सच्ची श्रद्धांजलि है। इस लेखक ने भारत का नाम बढ़ाया है। आज विश्व में उनका नाम प्रसिद्ध शिकारी के रूप में आदर से लिया जाता।
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