अच्छा है दिल के पास रहे पासवान -ए अक्ल
पर कभी-कभी इसे तन्हा भी छोड़ दीजिए
# नामालूम
आज सुबह साइकिलिंग के लिए निकला। सुरजीत सर सैर करते हुए मिल गए । फिर हम पहुंच गए अपने चाय के ठिकाने पर ।
सर ने चाय के साथ फैन का ऑर्डर दिया। हम चाय पीने लगे । राजेश सर भी आ गए ।चाय के साथ फैन खाकर कॉलेज के दिन याद आ गए। और बातें शुरू हो गई बच्चों की , स्कूल की ,जिन्दगी की । मैंने कहा कि जो लोग हमें धोखा देते हैं वह हमें जिंदगी का कुछ सबक सिखाना चाहते हैं। हमें अपने बच्चों को ये बताना है कि दुनिया में सिर्फ सीधे साधे लोग ही नहीं हैं: बल्कि यंहा पर चोर भी हैं , ठग भी हैं। हमें हर तरीके के लोगों के साथ रहने का हुनर आना चाहिए।
जैसे एक कहानी ओशो कहते हैं कि एक शिष्य अपने गुरु के पास गया । गुरु ने कहा अगर तुम सचमुच में कुछ सीखना चाहते हो तो यह परीक्षा बहुत कठिन है। शिष्य ने हां कर दी । गुरु ने कहा, तुम्हें हमेशा जागते ही रहना है वह कभी भी डंडे से पिटाई कर सकता है। एक दिन शिष्य खाना खा रहा था गुरू ने पीछे से डंडे डंडे से पिटाई कर दी । फिर धीरे-धीरे वो शिष्य सहर वक्त सावधान रहने लगा। गुरु के कदमों की आहट बाद उसे पहचानने लगा। समय बीतता गया। एक दिन उसका गुरु सर पर लकड़ियों के गठरी उठाए उठाए हुए आ रहा था किसी ने सोचा कि रोज मुझे तंग करता है आज देखते हैं ये खुद कितने पहुंचे हुए हैं ।तो उसने झूठ दूर से ही एक डंडा मारा । गुरु ने लकड़ी की गठरी में से एक लकड़ी निकाली और उसके डंडे को साइट पर मार कर फेंक दिया । जिसे देख कर शिष्य बहुत हैरान हुआ । शिष्य ने पूछा ,आपको कैसे पता चला? तो गुरु ने कहा जब तुम्हारे मन में यह विचार उठा ही था तो तुरंत मैंने वह बात सुन ली थी ।
सुरजीत सर एक बात सुनाई कि उनके स्कूल में भी एक लड़का था जो पढ़ने में एवरेज था। उसे ड्राइंग का शौक था। स्कूल टीचर उसे उसके शौक से मिलते जुलते काम सौंप देते थे जो कि उसके ड्राइंग के पैशन को पूरा कर रहे थे । फिर वो दिल्ली यूनिवर्सिटी चला गया ।अब उसकी एग्जीबिशन दुनिया के बहुत सारे देशों में लगती रहती है।
तो गुरु का काम है के शिष्य के अंदर जो गुण है, उसे तराश कर बाहर निकालने में मदद करना।
मेडीटेशन, अमेरिका और भारत की संस्कृति पर लंबी बातचीत हुई।
राजेश सर से भी गपशप हुई। धूप में खड़े होकर विटामिन डी लिया। फिर घर वापस ।
आज के लिए अलविदा ।
फिर मिलेंगे ।
पर कभी-कभी इसे तन्हा भी छोड़ दीजिए
# नामालूम
आज सुबह साइकिलिंग के लिए निकला। सुरजीत सर सैर करते हुए मिल गए । फिर हम पहुंच गए अपने चाय के ठिकाने पर ।
सर ने चाय के साथ फैन का ऑर्डर दिया। हम चाय पीने लगे । राजेश सर भी आ गए ।चाय के साथ फैन खाकर कॉलेज के दिन याद आ गए। और बातें शुरू हो गई बच्चों की , स्कूल की ,जिन्दगी की । मैंने कहा कि जो लोग हमें धोखा देते हैं वह हमें जिंदगी का कुछ सबक सिखाना चाहते हैं। हमें अपने बच्चों को ये बताना है कि दुनिया में सिर्फ सीधे साधे लोग ही नहीं हैं: बल्कि यंहा पर चोर भी हैं , ठग भी हैं। हमें हर तरीके के लोगों के साथ रहने का हुनर आना चाहिए।
जैसे एक कहानी ओशो कहते हैं कि एक शिष्य अपने गुरु के पास गया । गुरु ने कहा अगर तुम सचमुच में कुछ सीखना चाहते हो तो यह परीक्षा बहुत कठिन है। शिष्य ने हां कर दी । गुरु ने कहा, तुम्हें हमेशा जागते ही रहना है वह कभी भी डंडे से पिटाई कर सकता है। एक दिन शिष्य खाना खा रहा था गुरू ने पीछे से डंडे डंडे से पिटाई कर दी । फिर धीरे-धीरे वो शिष्य सहर वक्त सावधान रहने लगा। गुरु के कदमों की आहट बाद उसे पहचानने लगा। समय बीतता गया। एक दिन उसका गुरु सर पर लकड़ियों के गठरी उठाए उठाए हुए आ रहा था किसी ने सोचा कि रोज मुझे तंग करता है आज देखते हैं ये खुद कितने पहुंचे हुए हैं ।तो उसने झूठ दूर से ही एक डंडा मारा । गुरु ने लकड़ी की गठरी में से एक लकड़ी निकाली और उसके डंडे को साइट पर मार कर फेंक दिया । जिसे देख कर शिष्य बहुत हैरान हुआ । शिष्य ने पूछा ,आपको कैसे पता चला? तो गुरु ने कहा जब तुम्हारे मन में यह विचार उठा ही था तो तुरंत मैंने वह बात सुन ली थी ।
सुरजीत सर एक बात सुनाई कि उनके स्कूल में भी एक लड़का था जो पढ़ने में एवरेज था। उसे ड्राइंग का शौक था। स्कूल टीचर उसे उसके शौक से मिलते जुलते काम सौंप देते थे जो कि उसके ड्राइंग के पैशन को पूरा कर रहे थे । फिर वो दिल्ली यूनिवर्सिटी चला गया ।अब उसकी एग्जीबिशन दुनिया के बहुत सारे देशों में लगती रहती है।
तो गुरु का काम है के शिष्य के अंदर जो गुण है, उसे तराश कर बाहर निकालने में मदद करना।
मेडीटेशन, अमेरिका और भारत की संस्कृति पर लंबी बातचीत हुई।
राजेश सर से भी गपशप हुई। धूप में खड़े होकर विटामिन डी लिया। फिर घर वापस ।
आज के लिए अलविदा ।
फिर मिलेंगे ।
Wah.morning tea k sath itna achha sath.
ReplyDeleteThanks dear
DeleteBahut khub ji
ReplyDeleteShukariya. Par aap kaun ho, plz share
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